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उच्च न्यायलय के ऊपर आधारहीन आरोप लगाने पर शीर्ष अदालत ने रु. 25 लाख का लगाया अर्थदंड-

याचिकाकर्ताओं के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने “खासगी” शब्द के अर्थ का पता लगाते हुए प्रस्तुत किया कि संपत्ति 18 वीं शताब्दी से परिवार में जारी थी और इसे भारत सरकार के पत्रों द्वारा भी मान्यता दी गई थी। सर्वोच्च [more…]

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उच्च न्यायालय ने कहा कि क्या अदालत “भगवान” को सत्यापन के लिए पेश करने का आदेश दे सकती हैजानिए पूरा मामला-

Lower Court of Temilnadu तमिलनाडु में एक निचली अदालत के न्यायिक अधिकारी ने चोरी के बाद मिली मूर्ति की स्थापना के बाद ही भगवान की मूर्ति को निरीक्षण के लिए मूर्ति पेश करने का आदेश जारी किया था। निचली अदालत के [more…]

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राजस्थान उच्च न्यायलय ने इस बात पर बताया कि: क्या मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मौलिक अधिकार है?

राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक हिंदी माध्यम स्कूल को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में बदलने के राज्य सरकार के एक प्रशासनिक फैसले को रद्द करते हुए मंगलवार को इस सवाल की जांच की कि क्या मातृभाषा या हिंदी भाषा में शिक्षा [more…]

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एक वकील अपने मुवक्किल का Power of Attorney और उसका Advocate दोनों एक साथ नहीं हो सकता: दिल्ली उच्च न्यायलय

Delhi high Court दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अधिवक्ताओं द्वारा अपने मुवक्किलों के मुख्तारनामा धारक (power of attorney holders) और मामले में अधिवक्ताओं के रूप में कार्य करने की प्रथा अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के विपरीत है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम [more…]

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सुप्रीम कोर्ट समेत देश में कई राज्यों के उच्च न्यायालयों में 3 जनवरी से वर्चुअल मोड में कार्य होगा –

इलाहाबाद हाई कोर्ट, कलकत्ता हाई कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट समेत देश के विभिन न्यायलयों ने कोरोना और ओमीक्रान के बढ़ते संक्रमण के चलते दिनांक 3 जनवरी से वर्चुअल मोड़ में जाने का निश्चय लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी रविवार [more…]

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राज्य को झकझोर देने वाली एक घटना में सुनवाई कर रहे ‘न्यायमूर्ति’ ने कहा सार्वजनिक आक्रोश और मीडिया की राय उसे न्याय प्रदान करने में प्रभावित नहीं करेगी-

न्यायाधीश ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, “यह तर्क न दें कि यह समाज के लिए एक संदेश है। उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है, यह सजा नहीं है, यह केवल जांच में सहायता करने के उद्देश्य से है। मैं किसी [more…]

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उच्च न्यायालय: धारा 506 IPC संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है अतः कम्प्लेंट केस नहीं चलाया जा सकता-

Allahabad High Court इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में अपना निर्णय देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य में, धारा 506 के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है, इसलिए इसे कम्प्लेंट केस के रूप में नहीं चलाया जा सकता [more…]

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बलात्कार के मामलों में दोषसिद्धि फरियादी की एकमात्र गवाही पर परन्तु प्रमाणिकता पर मामला रद्द किया जा सकता-

“बचाव पक्ष का यह कर्तव्य नहीं है कि वह यह बताए कि कैसे और क्यों बलात्कार के मामले में पीड़िता और अन्य गवाहों ने आरोपी को झूठा फंसाया है। अभियोजन पक्ष को अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ता है और बचाव [more…]

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डबवाली अग्निकांड पीड़ित विनोद बांसल की जुबानी, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने हमें बुलाया, बोले-आपका केस मैं ही सुनूंगा

1996 में अग्निकांड पीड़ित ने पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में पीआइएल फाइल हुई। अग्निकांड पीडि़त विनोद बांसल की जुबानी… 15 जनवरी 2003 की तारीख कभी नहीं भूल सकता। जब चीफ जस्टिस विनोद राय ने कह दिया कि इलाज हो गया है [more…]

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा अधिकारी/कर्मचारी सदस्य अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए-

Allahabad High Court इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सभी अधिकारियों, अधिवक्ताओं और कर्मचारियों के सदस्यों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनने और राज्य में कोविड -19 मामलों में उच्च वृद्धि के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने का सख्त निर्देश दिया है। [more…]