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SC ने कहा कि यदि प्रत्यक्ष साक्ष्य में विश्वसनीयता का अभाव है या विसंगतियां हैं तो बैलिस्टिक साक्ष्य को छोड़ना अभियोजन के लिए घातक है,जाने विस्तार से
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में बंदूक की गोली से घायल होने के मामलों में बैलिस्टिक साक्ष्य के महत्व पर प्रकाश डाला। माननीय न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि हालांकि एक बैलिस्टिक विशेषज्ञ की [more…]
नोट के बदले वोट : सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ ने 1998 के पीवी नरसिम्हा राव फैसले को खारिजकरते हुए कहा कि सांसदों और विधायकों को कोई छूट नहीं
सांसद/विधायक से सदन में वोट/भाषणों में रिश्वतखोरी की छूट सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ ने छीन ली Bribes for vote case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि सांसदों और विधायकों को सदन में वोट डालने या भाषण [more…]
NDPS Act Sec 52A की कार्यवाही मजिस्ट्रेट के उपस्थिति में नहीं की गई, FSL REPORT “एक बेकार कागज के अलावा और कुछ नहीं”, SC ने आरोपी को किया बरी
उच्चतम न्यायालय SUPREME COURT ने मादक पदार्थ ले जाने के आरोपी दो लोगों को बरी कर दिया क्योंकि एनडीपीएस अधिनियम Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985 (NDPS Act) की धारा 52A के तहत कार्यवाही मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में नहीं की [more…]
नाबालिग से बलात्कार मामले में मेडिकल आधार पर सजा निलंबित करने की स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू के राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जबकि उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की छूट दी और उच्च न्यायालय से लंबित अपील [more…]
यदि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 63 के तहत अनिवार्य आवश्यकताओं को साक्ष्य अधिनियम, 1872 धारा 68 के संदर्भ में जोड़े गए, तो इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए : SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 63 के तहत निर्धारित अनिवार्य आवश्यकताओं को साक्ष्य अधिनियम की धारा 68 के संदर्भ में साक्ष्य जोड़कर उचित रूप से संतुष्ट किया जाता है, तो वसीयत को हल्के में नहीं [more…]
‘गरीब याचिकाकर्ता महंगे न्याय व्यवस्था का बोझ नहीं झेल पाएगा’, SC ने कहा कि संविधानिक अदालतों को निचली अदालत में लंबित मामले के लिए एक निश्चित समयसीमा तय नहीं करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई में कहा कि सिविल और क्रिमिनल मामलों में निचली अदालत या हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई स्थगन (STAY ORDER) खुद-ब-खुद रद्द नहीं हो सकती। चीफ जस्टिस डॉ डी वाई चंद्रचूड़ की [more…]
क्या वकील सेवाओं को उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के अंतर्गत शामिल किया जाना चाहिए? SC ने मामले की समीक्षा की
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हाल ही में हुई सुनवाई में, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के दायरे में वकील सेवाओं को शामिल करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण बहस सामने आई। यह चर्चा 2007 में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा दिए [more…]
अवैध संरचनाओं का निर्माण करना धर्म का प्रचार करने का तरीका नहीं है: SC ने चेन्नई में अवैध मस्जिद को गिराने के HC के आदेश में हस्तक्षेप करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को बरकरार रखते हुए माना है कि उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों में कोई हस्तक्षेप नहीं है और सुनवाई के दौरान कहा कि अवैध संरचनाओं का निर्माण करना धर्म का प्रचार [more…]
SC रजिस्ट्री केवल इसलिए क्यूरेटिव याचिका खारिज नहीं कर सकती क्योंकि समीक्षा याचिका खुली अदालत में सुनवाई के दौरान खारिज कर दी गई थी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसकी रजिस्ट्री किसी उपचारात्मक याचिका को सिर्फ इसलिए खारिज नहीं कर सकती क्योंकि समीक्षा याचिका खुली अदालत में सुनवाई के दौरान खारिज कर दी गई थी। न्यायालय ने उस मामले में प्रक्रिया की व्याख्या की है [more…]
नफरत फैलाने वाले भाषणों के लिए असदुद्दीन ओवैसी और अन्य के खिलाफ एफआईआर के लिए हिंदू सेना द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
हिंदू सेना के अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर ‘सनातन धर्म’ और श्री राम मंदिर और काशी और मथुरा मंदिरों पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की [more…]