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सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत एक अपरिहार्य अधिकार प्राप्त, डिफाल्ट जमानत अर्जी को खारिज करना उसका हनन-

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए कहा कि आपराधिक मामले में जांच के लिए अधिकतम अवधि (90 दिन) समाप्त होने के बाद और आरोपपत्र दाखिल करने से पहले आरोपी की ओर से दाखिल डिफाल्ट जमानत अर्जी को खारिज करना विधिक [more…]

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जस्टिस पारदीवाला ने कहा ”भारत को परिपक्व और सुविज्ञ लोकतंत्र के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता”, सोशल मीडिया को देश में अनिवार्य रूप से विनियमित करने की आवश्यकता-

जस्टिस जे.बी. पारदीवाला की एक टिप्पणी पर साल 2015 में 58 सदस्यों ने राज्यसभा के तत्कालीन सभापति और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से जस्टिस पारदीवाला के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की थी। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला इसी वर्ष 2022 [more…]

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रिटायर न्यायाधीश बी कमाल पाशा ने जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर उठाए सवाल, कहा कि यह पद किसी परिवार की संपत्ति नहीं-

देश की न्यायालयों में जजों की नियुक्ति प्रकिया को लेकर बहस अब भी जारी है। केरल उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायाधीश बी कमाल पाशा ने भी जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूरे न्यायाधीशों की चयन प्रक्रिया पर [more…]

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विधायिका न्यायपालिका के टकराव का चरमोत्कर्ष, जब सदन ने दोनों न्यायमूर्तियों को गिरफ्तार कर विधानसभा के सामने प्रस्तुत करने का दिया आदेश-

विधान सभा स्पीकर ने याचिका से सीधे जुड़े दोनों न्यायमूर्तियों को और एडवोकेट बी सालोमन को हिरासत में लेकर सदन के समक्ष उपस्थित करने के निर्देश दिए- विधायिका और न्यायपालिका के बीच टकराव का यह चरमोत्कर्ष था जब मजबूर होकर उत्तरप्रदेश [more…]

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हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट निर्णय का हवाला देते हुए कहा: सात साल से कम सजा मामलों में पुलिस जल्‍दबाजी में गिरफ्तारी न करें-

उच्च न्यायालय High Court द्वारा प्रस्तुत मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस को ऐसे मामलों में आरोपितों को गिरफ्तार करने में जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में आरोपितों को जमानत दी जा सकती है। [more…]

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एनडीपीएस एक्‍ट की धारा 67 के तहत दर्ज इकबालिया बयान स्वीकारने योग्य नहीं है – सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत Supreme Court ने पुनः दोहराया कि एनडीपीएस एक्ट NDPS Act की धारा 67 Sec 67 के तहत दर्ज इकबालिया बयान एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध के मुकदमे में अस्वीकार्य रहेगा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हेमा [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहीं ये बड़ी बात ‘ये कड़ाही को खौलाते रहने की कोशिश है’, ‘ये गुप्त डिजाइन पर चलाई गई मुहिम थी’-

शीर्ष कोर्ट Supreme Court ने शुक्रवार को पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 2002 के गुजरात दंगे के संबंध में विशेष जांच दल Special Investigating Team द्वारा तत्कालीन नरेंद्र मोदी [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने केस सुनवाई के क्रम में जमानत रद्द करने के लिए कुछ उदाहरणात्मक स्थितियां को बताया-

शीर्ष अदालत Supreme Court में एक जमानत पर सुनवाई के दौरान सीजेआई न्यायमूर्ति एन.वी. रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने कुछ उदाहरणात्मक स्थितियों का उल्लेख किया जहां जमानत रद्द की जा सकती है। सर्वोच्च अदालत ने अपील की [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने POCSO ACT Sec 23 के तहत अपराध की जांच के लिए कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता है या नहीं, इस पर सुनाया विभाजित फैसला-

कोर्ट के आदेश में लिखा, “चूंकि बेंच सहमत नहीं हो पाई है, रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह मामले को एक उपयुक्त बेंच के समक्ष असाइनमेंट के लिए भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश करे।” न्यायमूर्ति इंदिरा [more…]

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IPC Sec 376 और 504, 506 के तहत अपराध CrPC की Sec 200 के तहत परीक्षण के उद्देश्य के लिए ‘एक ही परिणति के रूप में जुड़े कृत्यों की एक श्रृंखला’ के दायरे में नहीं आएगा : SC

बलात्कार का अपराध (भारतीय दंड संहिता की धारा 376) और दूसरा गाली-गलौज और धमकियां, जिससे अपमान और धमकाने का अपराध होता है (धारा 504/506 आईपीसी), चाक और पनीर की तरह होते हैं- न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ [more…]