वकीलों द्वारा याचिकाओं में बार-बार झूठे बयान देने पर नाराज सुप्रीम कोर्ट, कहा कि – हमारा भरोसा हिल रहा, रोज 80 केस लिस्ट होते हैं, हर पेज से गुजरना मुश्किल
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की समय-पूर्व रिहाई सुनिश्चित करने के लिए वकीलों द्वारा अदालत के समक्ष और याचिकाओं में भी बार-बार झूठे बयान देने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि जब इस तरह के मामले सामने आते हैं, तो हमारा विश्वास डगमगा जाता है। जस्टिस अभय एस. ओका [more ...]
SC ने B.Tech छात्र हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा निलंबित करने के केरल HC के आदेश को खारिज कर दिया क्योकि मृतक के परिवार की सुनवाई नहीं हुई
सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में बी.टेक. छात्र श्यामल मंडल की हत्या के मामले में दोषी की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की खंडपीठ ने मृतक के परिवार सहित सभी पक्षों को [more ...]
‘एन.आई. एक्ट’ की धारा 138 के तहत अपराध को एनआई एक्ट की धारा 147 के तहत केवल संबंधित शिकायतकर्ता की सहमति से ही समझौता किया जा सकता है – सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया है कि परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अपराध को एनआई अधिनियम की धारा 147 के तहत केवल संबंधित शिकायतकर्ता की सहमति से ही समझौता किया जा सकता है। प्रस्तुत अपीलें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा आपराधिक विविध मामला संख्या 970/2023 और आपराधिक विविध अपील [more ...]
“इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही वापस ले लिया गया”: सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे कर्मचारी को बहाल करते हुए उस अवधि के लिए 50 प्रतिशत वेतन देने का दिया आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय रेलवे के एक कर्मचारी को सेवा में बहाल करने का आदेश दिया, क्योंकि उसने पाया कि उसके त्यागपत्र को स्वीकार किए जाने से पहले ही वापस ले लिया गया था। संक्षिप्त तथ्य- अपीलकर्ता 1990 से प्रतिवादी की सेवा में है। 13 वर्ष की सेवा करने के [more ...]