रेलवे नें आईआरसीटीसी से मोबाइल कैटरिंग करार ख़त्म करने का निर्देश दिया

नईदिल्ली: रेलवे मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए मोबाइल कैटरिंग के सारे कॉन्ट्रैक्ट को रद्द करने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को निर्देश जारी किया है और कहा है कि मोबाइल कैटरिंग के ऐसे सारे कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर देफिलहाल मोबाइल कैटरिंग सेवा कोरोना महामारी के कारण निलंबित है. मंत्रालय ने आईआरसीटीसी से कहा है कि सारे मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट रद्द करें, जिसमें बेस किचेन में तैयार भोजन यात्रियों को उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है. दरअसल इंडियन रेलवे ने यह निर्देश मद्रास हाई कोर्ट में इससे जुड़ा मामला सामने आने के बाद उठाया है. कोर्ट ने रेलवे से इस मसले पर चार हफ्तों के अंदर समाधान निकालने के लिए कहा था.

इधर रेल मंत्रालय ने बताया कि इसे कोरोना वायरस के कारण उपजे हालात की वजह से अपवाद माना जाए और कॉन्ट्रैक्टर की गलती के रूप में नहीं देखा जाए. रेल मंत्रालय ने निर्देश जारी करते हुए यह भी कहा कि किसी भी फूड कॉन्ट्रैक्टर पर खाना नहीं परोसने की स्थिति में फाइन नहीं लागाया जाए. उन्हें उचित बकाया का हिसाब चुकता कर दे और सिक्योरिटी डिपॉजिट और पूरी एडवांस फीस भी वापस कर दे. इंडियन रेलवे मोबाइल कैटरर्स एसोसिएशन ने 19 जनवरी 2021 को मद्रास हाई कोर्ट में मोबाइल कैटरिंग को लेकर एक याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भारतीय रेलवे को विचार करने को कहा था. गौरतलब है कि ट्रेनों में मोबाइल कैटरिंग की सुविधा 2014 में शुरू की गई थी. इस सेवा के तहत यात्री अपने पसंदीदा ब्रांड से ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर सकते थे. इस सेवा के तहत यात्रियों को यात्रा के दौरान भी बर्थ पर उनके पसंदीदा भोजन उपलब्ध हो जाते थे.

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