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‘गरीब याचिकाकर्ता महंगे न्याय व्यवस्था का बोझ नहीं झेल पाएगा’, SC ने कहा कि संविधानिक अदालतों को निचली अदालत में लंबित मामले के लिए एक निश्चित समयसीमा तय नहीं करना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई में कहा कि सिविल और क्रिमिनल मामलों में निचली अदालत या हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई स्थगन (STAY ORDER) खुद-ब-खुद रद्द नहीं हो सकती। चीफ जस्टिस डॉ डी वाई चंद्रचूड़ की [more…]

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SC ने कई FIR में नामित मध्य प्रदेश के व्यक्ति के लिए एकीकृत सुनवाई का आदेश दिया, यहां तक ​​कि अन्य राज्यों से मामलों के हस्तांतरण को भी खारिज कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में कई एफआईआर का सामना कर रहे याचिकाकर्ता के लिए एकल सुनवाई का आदेश दिया है, जिससे मामलों को एकीकृत सुनवाई के लिए समेकित किया जा सके। हालांकि, कोर्ट ने दूसरे राज्यों में लंबित मामलों को [more…]

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सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर को एकीकृत करने की मांग वाली याचिका को आंशिक रूप से यह कहते हुए अनुमति दे दी कि कार्यवाही की बहुलता व्यापक जनहित में नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर को एकीकृत करने की मांग वाली याचिका को आंशिक रूप से यह कहते हुए अनुमति दे दी कि कार्यवाही की बहुलता व्यापक जनहित में नहीं है। न्यायालय एक रिट याचिका पर विचार कर रहा था जिसमें विभिन्न [more…]

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शादी का अपूरणीय विच्छेद अनुच्छेद 142 के तहत तलाक का सीधा-सीधा फॉर्मूला नहीं’- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवाह में रहना एक पवित्र और अमूल्य भावनात्मक जीवन-जाल है

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा है कि शादी के अपूरणीय टूटने के आधार पर तलाक हमेशा वांछनीय नहीं होता है, खासकर भारत में। उस संदर्भ में, न्यायालय ने कहा कि “अदालतों [more…]

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विवाह विच्छेद के आधार पर पारिवारिक कोर्ट तलाक का आदेश नहीं दे सकता: हाई कोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट को हिंदू विवाह अधिनियम Hindu Marriage Act के तहत तलाक से जुड़े प्रावधानों के अनुसार आदेश देना चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायलय Delhi High Court ने स्पष्ट किया कि पारिवारिक अदालतें Family Court शादी के अपूरणीय [more…]

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दुर्भाग्यपूर्ण मामला जब सामाजिक बंधन और ताने-बाने अविश्वास में बदल जाते है: SC ने Article 142 के अधिकार में युगल को वैवाहिक बंधन से मुक्त किया

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए एक जोड़े को आपसी सहमति से तलाक की डिक्री दी है। तलाक की डिक्री देते हुए, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने [more…]

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क्या अनुच्छेद 142 की शक्तियों का इस्तेमाल कर पारिवारिक न्यायलय जाने से पहले ही भंग की जा सकती है शादी? SC में सुनवाई-

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा की दो बहुत अच्छे लोग अच्छे साथी नहीं हो सकते हैं। कई बार हमारे सामने ऐसे मामले आते हैं जहां लोग काफी समय तक साथ रहते हैं और फिर शादी टूट जाती [more…]

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संविधान का अनुच्छेद 142 या सर्वोच्च न्यायालय का साधन जिसके दायरे और नियमों के तहत पेरारिवलन रिहा हुआ-

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए कई न्यायिक निर्णयों के पश्चात् पुनः अनुच्छेद 142 की सार्थकता का मुद्दा उभर आया- भारत के सर्वोच्च न्यायालय Supreme Court ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए जी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश [more…]