Tag: judgments
सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: सहायक के तौर पर काम कर रहे कर्मचारी का बीमा क्लेम ठुकराना गलत, हाई कोर्ट का आदेश रद्द-
शीर्ष अदालत राजस्थान उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 की धारा 30 के तहत बीमा कंपनी की अपील को मंजूरी दी गई थी। इस मामले में मृतक तेज [more…]
शीर्ष अदालत ने पटना उच्च न्यायलय के निर्णय को ठहराया सही, केंद्र और राज्य सरकार का बचा करीब तीन हजार करोड़ राजस्व-
सर्वोच्च अदालत द्वारा पटना उच्च न्यायलय के उस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है, जिससे केंद्र व राज्य सरकार को तकरीबन तीन हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व की बचत हुई है। विगत 4 जनवरी, 2022 को शीर्ष अदालत [more…]
उच्च न्यायलय ने कहा ‘शॉपिंग मॉल कार पार्किंग फीस नहीं ले सकते है’-
केरल उच्च न्यायलय ने शुक्रवार को लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल द्वारा अपने ग्राहकों से पार्किंग पैसा लेने का आरोप लगाने वाली दो याचिकाओं पर फैसला कि माल द्वारा प्रथम दृष्टया पार्किंग फीस लेना उचित नहीं है। न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने इस [more…]
उच्च न्यायालय ने कहा कि क्या अदालत “भगवान” को सत्यापन के लिए पेश करने का आदेश दे सकती हैजानिए पूरा मामला-
Lower Court of Temilnadu तमिलनाडु में एक निचली अदालत के न्यायिक अधिकारी ने चोरी के बाद मिली मूर्ति की स्थापना के बाद ही भगवान की मूर्ति को निरीक्षण के लिए मूर्ति पेश करने का आदेश जारी किया था। निचली अदालत के [more…]
संविधान में “आराम करने का भी मौलिक अधिकार है” स्पा में CCTV Camera लगाना मूल अधिकार का हनन-
मद्रास उच्च न्यायलय खंडपीठ मदुरै ने मंगलवार को निर्णय दिया कि संविधान के अनुच्छेद 21 ‘Article 21 of Indian Constitution’ में आराम करने का भी अधिकार शामिल है, इसलिए स्पा में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश निजता के मौलिक अधिकार का [more…]
उच्च न्यायलय का निर्णय: ड्राइविंग लाइसेंस नियमित ना होने पर भी बीमा कंपनी मुआवज़ा देने के लिए बाध्य-
उच्च न्यायलय ने अहम फैसले में कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) का नवीनीकरण न होने से बीमा कंपनी मुआवज़ा देने से बच नहीं सकती। उसे दावा करने वाले को मुआवज़े का भुगतान करना ही होगा। न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर [more…]
उच्च न्यायालय: लड़के का उम्र विवाह योग्य नहीं होने पर भी ‘लिव-इन कपल’ के जीवन के अधिकार को वंचित नहीं किया जा सकता-
‘Article 21 of the Constitution stipulates protection of life and liberty to every citizen and that no person shall be deprived of his life and personal liberty except according to procedure established by law.’ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय Punjab & [more…]
राजस्थान पुलिस ने बुजुर्ग को NDPS ACT में दिया फंसा, भाकरराम 5 माह रहा जेल में, अब आया ये अहम फैसला-
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग (Rajusthan State Human Rights Commission) ने राजस्थान पुलिस की ओर से निर्दोष व्यक्ति को जेल मेें रखने के मामले में बड़ा और अहम फैसला सुनाया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायमूर्ति व्यास ने कहा कि [more…]
बॉम्बे हाईकोर्ट: हत्या, डकैती आदि अपराधों की तुलना में सफेदपोश अपराध अधिक गंभीर हैं-
कोर्ट कर देनदारियो से बचने के लिए नकली चालान के माध्यम से कथित रूप से धोखाधड़ी करने के लिए आपराधिक कार्यवाही रद्द करने की मांग वाली मेसर्स गणराज इस्पात प्रा. लि निदेशको द्वारा दी गई दलीलो पर सुनवाई कर रहा था [more…]
बॉम्बे उच्च न्यायलय का फैसला बिना सहमति के महिला के पैर छूना उसकी शील भंग करने जैसा अपराध-
औरंगाबाद बेंच – बॉम्बे हाईकोर्ट की ने रात में सोते समय एक महिला के पैर छूने के लिए एक पुरुष को दी गई सजा और एक साल की सजा को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा, “किसी महिला की सहमति के बिना [more…]