HC ने पति के ‘सुसाइड नोट’ में उल्लिखित पत्नी के खिलाफ उकसावे के मामले को रद्द करने से किया इनकार

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक पत्नी द्वारा दायर धारा 482 सीआरपीसी आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अपने मृत पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आईपीसी की धारा 306 के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी।

मामला संक्षेप में-

मृतक के छोटे भाई ने याचिकाकर्ताओं पर गंभीर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस और शिकायतकर्ता ने मृतक द्वारा छोड़े गए “सुसाइड नोट” पर भरोसा किया, जिसमें कथित तौर पर याचिकाकर्ताओं को फंसाया गया था।

न्यायमूर्ति राय चट्टोपाध्याय ने प्रथम दृष्टया संज्ञेय मामला मानते हुए कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि मृत्यु से पहले केवल वास्तविक धारणाएं ही सामने आती हैं।

उच्च न्यायलय ने निचली अदालत को चार सप्ताह के भीतर सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है।

केस टाइटल – बलबीना टंडन और अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य

ALSO READ -  आपराधिक मामले का खुलासा न करना हमेशा रोजगार के लिए घातक नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने एक उम्मीदवार को पुलिस कांस्टेबल के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया

You May Also Like